अप्रतिम कविताएँ
अधूरी
हर घर में दबी आवाज़ होती है
एक अनसुनी सी
रात में खनखती चूड़ियों की
इक सिसकी सी
बजते बर्तनों के शोर में टूटे
एक ख्वाब की
सभी की सुनती हुई कहानी
एक अनकही सी
हर जिद्द को पूरी करती हुई खुद
एक अधूरी सी
- प्रिया एन. अइयर

काव्यालय को प्राप्त: 6 Jan 2020. काव्यालय पर प्रकाशित: 29 Apr 2022

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वह तोड़ती पत्थर।

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..

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पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
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