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कब तक सूरजमुखी बनें हम" कल्पना मनोरमा का नवगीत संग्रह है। इनके गीत और लघुकथाएँ कई साझा संकलनों में भी शामिल हो चुके हैं और कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। "
कस्तूरिया" इनका अपना ब्लॉग है।
इन्हें दोहा शिरोमणि सम्मान(2014), वनिका पब्लिकेशन द्वारा लघुकथा लहरी सम्मान (2016), वैसबरा शोध संस्थान द्वारा नवगीत गौरव सम्मान (2018), प्रथम कृति पर- सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा सूर्यकान्त निराला सम्मान (2019) तथा जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आचार्य सम्मान (2021) से अलंकृत किया जा चुका है। सम्प्रति ये दिल्ली में अध्यापन व स्वतंत्र लेखन में रत हैं।