अप्रतिम कविताएँ
हल सरल हो जाता है
बड़े बड़े मॉल,
बेल्जियम ग्लास से सजा शोरूम, अल्ट्रा मॉडर्न लाइट्स
पाँव फिसलाते इतालवी फर्श
शोकेस पर लम्बे लम्बे सिल्कन गाउन पहनी गोरी मखमली बालाएं ...
कि छू लेने से कहीं मैली न हो जायें।
सो रहीं है, चुपचाप ...

अभी तक...

चकाचौंध बाज़ार में
यह क्या सुस्त, मुरझायीं रौनकें ?

पुल के नीचे बहती नदी... प्राय निष्प्राण...
नहीं, नहीं
मृत्यु हो चुकी थी बल्कि।

सड़के, फ्लाईओवर -- तमाम सुपर इंजीनियरिंग के बावजूद,
निस्तेज...

इंतजार करतीं बसें, मायूस सीली सीटें
काल बैसाखी हवा के थपेड़ो से कुछ खिड़कियों की कांच रुदाली कर रहीं है ...

पटरियों पर खड़ी कतार बंध इंजिने, ट्रेनें
अंदर झूलते पर्दे कुर्सियाँ
उफ़ न जाने, आपस में क्या बात करते रहते ?

स्कूल, कॉलेज की आत्मा तो दीवारों से चिपक कर रो चुकी थीं
उतनी बार,
जितनी बार पृथ्वी पर झड़ कर गिरते पीलें पत्ते

फूलों की क्यारियाँ मौसम को रोक कर आ रहीं थीं
कि
अभी जाना मत...
बच्चे ...
बच्चे आते ही होंगे !!

ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ अलजेब्रा का वह हल
इस बात का द्योतक
कि
कठिन समस्याओं का हल सरल हो जाता है।
- निवेदिता दिनकर

काव्यालय को प्राप्त: 21 Apr 2020. काव्यालय पर प्रकाशित: 24 Apr 2020

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 खी खी खी खी
 हल सरल हो जाता है
इस महीने :
'दिव्य'
गेटे


अनुवाद ~ प्रियदर्शन

नेक बने मनुष्य
उदार और भला;
क्योंकि यही एक चीज़ है
जो उसे अलग करती है
उन सभी जीवित प्राणियों से
जिन्हें हम जानते हैं।

स्वागत है अपनी...

..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
होलोकॉस्ट में एक कविता
~ प्रियदर्शन

लेकिन इस कंकाल सी लड़की के भीतर एक कविता बची हुई थी-- मनुष्य के विवेक पर आस्था रखने वाली एक कविता। वह देख रही थी कि अमेरिकी सैनिक वहाँ पहुँच रहे हैं। इनमें सबसे आगे कर्ट क्लाइन था। उसने उससे पूछा कि वह जर्मन या अंग्रेजी कुछ बोल सकती है? गर्डा बताती है कि वह 'ज्यू' है। कर्ट क्लाइन बताता है कि वह भी 'ज्यू' है। लेकिन उसे सबसे ज़्यादा यह बात हैरानी में डालती है कि इसके बाद गर्डा जर्मन कवि गेटे (Goethe) की कविता 'डिवाइन' की एक पंक्ति बोलती है...

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राष्ट्र वसन्त
रामदयाल पाण्डेय

पिकी पुकारती रही, पुकारते धरा-गगन;
मगर कहीं रुके नहीं वसन्त के चपल चरण।

असंख्य काँपते नयन लिये विपिन हुआ विकल;
असंख्य बाहु हैं विकल, कि प्राण हैं रहे मचल;
असंख्य कंठ खोलकर 'कुहू कुहू' पुकारती;
वियोगिनी वसन्त की...

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