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चाय 7
सुनो,
कप हमेशा दोनों रखना
चाहे रह जाओ अकेले ही
होती रहेगी हर सुबह हर शाम
कुछ बात
कभी मन से
कभी बेमन भी,
आदतें छूटती नहीं !
-
नूपुर अशोक
काव्यालय को प्राप्त: 5 Aug 2022. काव्यालय पर प्रकाशित: 10 Aug 2023
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'ओ माँ बयार'
शान्ति मेहरोत्रा
सूरज को, कच्ची नींद से
जगाओ मत।
दूध-मुँहे बालक-सा
दिन भर झुंझलायेगा
मचलेगा, अलसायेगा
रो कर, चिल्ला कर,
घर सिर पर उठायेगा।
आदत बुरी है यह
..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'आए दिन अलावों के'
इन्दिरा किसलय
आए दिन
जलते हुए, अलावों के !!
सलोनी सांझ
मखमली अंधेरा
थमा हुआ शोर
हर ओर
जी उठे दृश्य
मनोरम गांवों के !!
..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'पिता: वह क्यों नहीं रुके'
ब्रज श्रीवास्तव
मेरे लिए, मेरे पिता
तुम्हारे लिए, तुम्हारे पिता जैसे नहीं हैं,
एकांत की खोह में जब जाता हूँ
बिल्कुल, बिल्कुल करीब हो जाता हूँ
अपने ही
तब भी
..
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अप्रैल 2023 – मार्च 2024
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