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31 जुलाई 1940 को बहादुरगंज, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे उमाशंकर तिवारी नवगीत विधा के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनकी रचनाएँ ’धर्मयुग’, ’साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ’गगनांचल’, ’नवनीत’ , ’नया प्रतीक’ , ’वागर्थ’ इत्यादि पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। वे गाजीपुर से प्रकाशित ’समकालीन सोच’ नामक चातुर्मासिक पत्रिका के साहित्य-सम्पादक भी रहे।
उनके तीन नवगीत संग्रह प्रकाशित हैं - जलते शहर में (1968), धूप कड़ी है (1986), तोहफ़े काँचघर के (1996)। इसके अलावा उनके द्वारा सम्पादित दो समीक्षात्मक निबन्ध-संग्रह - "नवगीत के प्रतिमान और आयाम" और "हिन्दी के श्रेष्ठ नवगीतकार" भी हैं।
उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत हैं। 'तोहफ़े काँचघर के' पर 1998 में उन्हें "डा० शंभुनाथ सिंह न्यास पुरस्कार" भी प्राप्त हुआ। वर्ष 2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा उन्हें साहित्य भूषण की उपाधि से अलंकृत किया गया।
28 अक्तूबर 2009 को उनका देहावसान हो गया।