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केदारनाथ अग्रवाल
केदारनाथ अग्रवाल की काव्यालय पर रचनाएँ
आज नदी बिलकुल उदास थी
बसंती हवा

'फूल नहीं, रंग बोलते हैं' कविता-संग्रह के लिए सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिशील काव्य-धारा के प्रमुख कवि हैं। उनकी कविताएँ भारतीय जनजीवन पर आधारित हैं और उनका अनुवाद रूसी, जर्मन, चेक और अंग्रेज़ी में हो चुका है।

युग की गंगा, गुलमेंहदी, हे मेरी तुम!, बोलेबोल अबोल, जमुन जल तुम, कहें केदार खरी खरी, मार प्यार की थापें आदि उनके अन्य कविता संग्रह हैं। बस्ती खिले गुलाबों की, पतिया, बैल बाजी मार ले गये, विचार बोध, विवेक विवेचन आदि उनके गद्य संग्रह हैं। (सूचना साभार कविता कोश)


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