चिट्ठी सी शाम
एक और चिट्ठी सी शाम
डूब गयी सूरज के नाम।
जाड़े की धूप और
कुहरे की भाषा
कोने में टँगी हुई
गहरी अभिलाषा
आसमान के हाथों
चाँदी का गुच्छा
ताल में खिली जैसे
फिर कोई इच्छा
छत से ऊपर उठते
धुएँ के कलाम
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सुरेन्द्र काले
Poet's Address: Nawab Cottage, Purdilpur, Gorakhpur
Ref: Naye Purane, September,1998
तोड़ दो सीमा क्षितिज की,
गगन का विस्तार ले लोविनोद तिवारी की कविता
"प्यार का उपहार" का वीडियो। उपहार उनका और वीडियो द्वारा उपहार का सम्प्रेषण भी वह ही कर रहे हैं। सरल श्रृंगार रस और अभिसार में भीगा, फिर भी प्यार का उपहार ऐसा जो व्यापक होने को प्रेरित करे।
प्यार का उपहार