1906 में हाथरस, उत्तर प्रदेश में जन्मे प्रभुनाथ गर्ग हिन्दी साहित्य जगत में काका हाथरसी के नाम से प्रसिद्ध हुए। इनकी रचनाएँ पाठकों और श्रोताओं के बीच तो लोकप्रिय हुईं ही, उन्होंने अपने समय के लेखकों को भी बहुत प्रभावित किया।
हास्य के साथ-साथ व्यंग्य के तीर चलाने में इन्हें महारत हासिल थी। काका के कारतूस, काकादूत, हंसगुल्ले, काका के कहकहे, काका के प्रहसन इत्यादि उनकी कुछ प्रमुख कृतियाँ हैं।